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किसने करुणा-सदय-हृदय में पैना शूल चुभोया |
किसने फूलों के मधुवन में कंटालों को बोया ||
स्वतन्त्रताके इन वर्षों में कितने तूफां आये !
सोचो पल भर और विचारो,क्या पाया क्या खोया !!
संस्कृति और सभ्यता वाली यह भारत की नौका -
की पतवारें तोड़ तोड़ कर कि सने इसे डुबोया ?
हँसती हुई किलकती गाती जनता के सीने को-
बोलो किसने आज आँसुओं से है अरे भिगोया ??
कितनी मैल भरी है मन में,यह तो हमें बताओ !
मैला किया 'प्रेम' जो पुरखों ने 'आस्था' से धोया ||
अतीत की यादों में अपना देश विचारा प्यारा -
फूट फूट कर,सिसक सिसक कर "प्रसून"कितना रोया !!
किसने करुणा-सदय-हृदय में पैना शूल चुभोया |
किसने फूलों के मधुवन में कंटालों को बोया ||
स्वतन्त्रताके इन वर्षों में कितने तूफां आये !
सोचो पल भर और विचारो,क्या पाया क्या खोया !!
संस्कृति और सभ्यता वाली यह भारत की नौका -
की पतवारें तोड़ तोड़ कर कि सने इसे डुबोया ?
हँसती हुई किलकती गाती जनता के सीने को-
बोलो किसने आज आँसुओं से है अरे भिगोया ??
कितनी मैल भरी है मन में,यह तो हमें बताओ !
मैला किया 'प्रेम' जो पुरखों ने 'आस्था' से धोया ||
अतीत की यादों में अपना देश विचारा प्यारा -
फूट फूट कर,सिसक सिसक कर "प्रसून"कितना रोया !!
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