आइये मेरे पड़ोसी को नज़र भर देखिये |
देखिये इसकी अदायें, इसके तेवर देखिये ||
भवन इनका काँच का है, किन्तु वे निश्चिन्त है -
फेंकते वे मेरे घर पर कितने पत्थर देखिये !
पत्थरों का हृदय,पत्थर का कलेजा हो गया -
अक्ल पर उनके पड़े हैं कितने पत्थर देखिये !!
प्यार से भरने हमें बाहों में अपनी आ गये -
आस्तीनों में छिपाये पैने खंज़र देखिये ||
चोट हमने खाई जब, एकांत में हर्षित हुये -
तसल्ली देते हैं झूठी तरस खा कर, देखिये ||
मगरमच्छों की तरह हिंसक है उनकी भावना -
आँख में उमड़ा दिखावे का समुन्दर देखिये ||
"प्रसून" की सारी पंखुरियाँ किस तरह घायल हुईं -
गुलाबों के पास झरबेरी का मंज़र देखिये ||
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