उकाबों की सेहतें,पहले से बेहतर देखिये |
डरे, सहमे हकों के हैं कितने तीतर देखिये ||
'जुल्म' के पत्थर से करना चोट उनका खेल है -
चोट खा कर गिर पड़े कितने कबूतर देखिये ||
नुमायश करते हैं मीठे बोल की हम आये दिन-
पैनी नुकीली सोच कितनी दिल के भीतर देखिये ||
'प्रीति-मृगछौने' के तन पर घाव गहरा,दर्द है-
नफ़रतों के शिकारी ने मारा खंज़र देखिये ||
घूमते फिरते आवारा,बाज बागी हो गये |
तन अबाबीलों के घायल लहू से तर देखिये ||
चढाने के लिये कैसे बाग से लायें "प्रसून"-
छुपे हैं ख़ूनी दरिंदे, कई अंदर देखिये ||
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