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Sunday, 24 June 2012

गज़ल कुञ्ज (गज़ल संग्रह) -(अ) प्रणाम-(२)प्रियतमा -प्रणाम-(ख) प्रितमा जनननि तुमको प्रणाम

 


प्रियतमा जननि !तुमको प्रणाम !!

हर सुख दुःख मेरा तेरे नाम !!

तेरी हर सरिता सुधा वती |

है तेरा सुअंक सुखद धाम ||

   

तेरे वन, बाग सुभाग सुभग -

 इस पर वारी हैं कोटि काम ||


  
  
 
 तेरी गोदी में पले सभी-

हो शीत छाँव या तची घाम ||

  

सब ने पाया है सुख तुम से -

क्या पीर फ़कीर क्या राम श्याम ||
 
          

वर दे, पराग बाँटें "प्रसून"-

मत लगे कभी इस पर विराम ||

 



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