(१)प्रियतम प्रणाम (क्रमश:)--
(ख)प्रियतम तुमको मेरा प्रणाम !
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
तुम अनाम फिर भी कोटिनाम |
प्रियतम तुमको मेरा प्रणाम !!
निर्बाध 'काल'की गति मन्थर-
रोकते उसे भी दे विराम ||
कण कण में तुम रमते हो यों-
कहते हैं तुमको लोग राम ||
कामना-हीन निष्काम हो तुम !
पर तुम हो अनन्त सत्य काम ||
अनिकेत,किन्तु सर्वत्र व्याप्त |
जड़- चेतन सबके परम धाम ||
जो मिले, तुम्हारी कृपा -गन्ध-
हो जाये 'प्रसून' धन्य नाम ||
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